..तो सूबे में भी बेटे के लिए नहीं मिलेगी दुल्हन… Save Girl Child by aagadmin - February 14, 2015February 17, 20150 ..तो सूबे में भी बेटे के लिए नहीं मिलेगी दुल्हन जनगणना 2011 के मुताबिक 0-6 साल आयुवर्ग में प्रति हजार 17 घटा लिंगानुपात ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत कार्यशाला में विशेषज्ञों ने उठाया मुद्दा अमर उजाला ब्यूरो…. लखनऊ। ‘केवल कोख में ही हमारी बच्चियां खतरे में नहीं हैं। जन्म के बाद भी उनकी सेहत के प्रति लापरवाही बरती जा रही है। यही कारण है कि पिछले एक दशक में 0-6 साल आयुवर्ग में लिंगानुपात में यूपी में प्रति हजार 17 की गिरावट दर्ज की गई है। यदि ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में सूबे में लड़कों के लिए शादी करने को लड़कियां ही कम पड़ जाएंगी’। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय, लखनऊ की ओर से गुरुवार को आयोजित कार्यशाला में राष्ट्रीय जनसहयोग एवं बाल विकास (एनआईपीसीसीडी) की पूर्व क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मधु अग्रवाल ने यह मुद्दा रखा। उन्होंने कहा कि जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि यूपी में वर्ष 2001 में 0-6 साल आयुवर्ग में लिंगानुपात 916 था, जो वर्ष 2011 में घटकर मात्र 899 रह गया है। राष्ट्रीय स्तर पर यह 2001 में 927 था और 2011 में 914 है। यह आंकड़ा आने वाले समय में सूबे में पुरुष और महिला अनुपात को बिगाड़ देगा। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि लिंगानुपात में यह गिरावट लड़कियों के स्वास्थ्य और उनके पालन-पोषण पर ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से आई है। अपने शोध के दौरान मैंने खुद पाया कि महिलाएं ही लड़कों की तुलना में बच्चियों को स्तनपान नहीं करातीं। उन्हें समय पर जरूरी टीके नहीं दिलाए जाते। उनके खान-पान का ध्यान नहीं रखा जाता। उन्हें दूध में पानी मिलाकर दिया जाता है। इस भेदभाव से बच्चियों की कम उम्र में ही मौत हो रही है, जिससे लिंगानुपात बिगड़ चुका है। इससे आने वाले दिनों में यूपी में भी हरियाणा जैसे हालात पैदा हो जाएंगे, जहां पहले ही लिंगानुपात बिगड़ा हुआ है। कार्यशाला में क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय की निदेशक डॉ. किस्मत ए. सागर, सहायक निदेशक डॉ. नरसिंह राम, एनआईपीसीसीडी के उपनिदेशक डॉ. वीडी गड़कर भी मौजूद रहे। अल्ट्रासाउंड मशीन भी बड़ा खतरा यूपी में अल्ट्रासाउंड मशीनों का उपयोग लिंग परीक्षण में हो रहा है। पढ़े-लिखे डॉक्टरों से लेकर झोलाछाप तक इससे जुड़े हुए हैं। हमारी सरकार भी इस धंधे को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो रही है इसलिए घट रहा लिंगानुपात •बेटी के जन्म पर कम उत्साह •टीकाकरण व खानपान में भेदभाव •बच्चियों के पालन-पोषण में लापरवाही •लड़कियों के स्वास्थ्य की अवहेलना 0-6 साल आयुवर्ग में लिंगानुपात •916 यूपी में 2001 में •899 यूपी में 2011 में •927 देश में 2001 में •914 देश में 2011 में औसत लिंगानुपात बढ़ा •898 यूपी में 2001 में •908 यूपी में 2011 में •933 देश में 2001 में •940 देश में 2011 में STOP Female foeticide & Infanticide Share on Facebook Share Share on TwitterTweet Share on Pinterest Share Share on LinkedIn Share Send email Mail 0 Total Shares