Akidat-E-Khuda Ayegi Muniya Bachayenge Muniya Save Girl Child Uncategorized by aagadmin - May 7, 2016May 25, 20160 मदर्स डे के पूर्व दिवस पे शिव की नगरी काशी में मुस्लिम बेटियाँ ने एक नई मिसाल पेश करते हुए ,पेट में पल रही बेटियों की हिफाजत के लिए परवरदिगार से अकीदत की । एक साथ हजारों संख्या में दुआ के लिए उठे हाथों ने हिन्दू मुसलमान भाईचारा के सन्देश के साथ ही बेटी को बचाने के सन्देश को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास किया। ये सार्थक प्रयास लैंगिक असमानता को दूर करने में सन् 2001 से जुटी सामाजिक संस्था आगमन का था जिसने भ्रूण ह्त्या रोकने से जुड़े तमाम जनजागरण आयोजनों के बाद अब अगली कड़ी रूप में " अकीदत- ए – खुदा " नामक आयोजन को आयोजित कराया । आयोजन का मकसद था पेट में पल रही बेटियों के जन्म लेने की राह को आसान बनाने का । मुस्लिम बेटियों ने दुआख्वानी करने के साथ ही संस्था द्वारा कन्या भ्रूण ह्त्या के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में भागीदारी की शपथ ली । हाथो को हाथो से जोड़ें, खुदा की इबादत कर रही हजारो बच्चियां उन नन्ही परियों के आने की मन्नते कर रही थीं जिन्हे इस रौशन ज़मीं को देखने के पहले ही अंधियारे में झोक दिया जाता है । दुआख्वानी के जरिये बच्चियां ने पेट में पल रही बेटियों को धरा पर सलामती से आने के साथ ही सभी से लैंगिग असमानता दूर करने की आरजू की । कहते है दुआओ में बड़ी ताकत होती है और यदि दुआएं बच्चे करे तो खुदा उनकी मन्नते फ़ौरन पूरी करते है वाराणसी के लल्लापुरा स्थित ए ओ मुस्लिम गर्ल्स इंटर कॉलेज का नजारा सुबह सवेरे का कुछ ऐसा ही था सामाजिक संस्था आगमन की पहल पर हजारो मुस्लिम बच्चियों ने अपने परवरदिगार से पेट में पल रही बच्चियों जिन्हे सामाजिक कुरीतियों के कारण ज़मी पर आने पहले ही सदा सदा के लिए खामोश कर दिया जाता है उन्ही अजन्मी बेटियों की सलामती के लिए दुआख्वानी कर मन्नते की। मौलाना मेराज ने बच्चियों को दुआख्वानी करायी। आयोजन के अंत में जादूगर आदित्य रैना ने जादू के माध्यम से बेटी बचाने का सन्देश दिया। Share on Facebook Share Share on TwitterTweet Share on Pinterest Share Share on LinkedIn Share Send email Mail 0 Total Shares