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पढेगी मुनियाँ अभियान (गूदड़ से लाल)-101कन्याओं को शिक्षित करना

हमारे हर ख़रीददारी के साथ कुछ न कुछ ऐसे सामान आते हैं जिनको कुछ समय बाद हम कबाड़ कहते हैं  लेकिन इसी कबाड़ को आगमन की नज़रों से देखे तो ये अनमोल हैं। आमतौर पर शॉपिंग या दैनिक इस्तेमाल की चीज़ों की खरीदारी के साथ आये पैकिंग मटेरियल या फिर समाचार पत्र आपके काम के नहीं होते बल्कि एक सीमा से अधिक हो जाए तो सर दर्द बन जाते है लेकिन यही बेकार वस्तुयें किसी की ज़िन्दगी बदल देने के लिए काफी है | आगमन संस्था इसी रद्दी या फिर कहे तो गूदड़ को बेच कर एकत्रित किये हुए धनराशि के इस्तेमाल से उन 111 बेटियों  को शिक्षित करेगा, जो प्रतिभाशाली होने वाबजूद आर्थिक निर्बलता के कारण शिक्षा के उजियारे से वंचित है |

      वर्षो से लैंगिक अनुपात में समानता के लिए प्रयासरत सामाजिक संस्था आगमन आपके घर के बेकार वस्तु को इकठ्ठा कर बाजार में बेच उनसे प्राप्त पैसो से जरूरतमंद और होनहार बिटियों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया हैं ,जिसके शुरुआत की घोषणा आज संस्था के पदाधिकारियों द्वारा अस्सी स्थित वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई जन्मस्थली से किया गया । काशी की बेटी वीरांगना लक्ष्मीबाई को समर्पित " अभियान पढ़ेगी मुनियाँ  " में पिछले साल 21 की संख्या थी जो इस वर्ष 111 प्रतिभाशाली बेटियों को शिक्षित करने का लक्ष्य हैं ।

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